Menu
blogid : 3150 postid : 39

असुरक्षित नोएडा-दूसरी किस्त

jigyasa
jigyasa
  • 17 Posts
  • 29 Comments

ईसीएम क्या होता है : सेक्टर-२४ थाने में ऑनलाइन एफआईआर मौखिक रूप से स्वीकार तो कर ली गई, लेकिन चोरी के सिलसिले में पुलिस विभाग की कोई पहल सामने नहीं आई। पत्रकार साहब ने ऑनलाइन एफआईआर की बात को कुछ लोगों से शेयर भी कर लिया था। कार्रवाई होती न देख वह अजीब सा महसूस कर रहे थे। कुछ स्पष्ट नहीं हो पा रहा था कि ऑनलाइन एफआईआर पर कार्रवाई न होने से किसकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है-ऑनलाइन व्यवस्था की, पुलिस विभाग की, सरकार के दावों की अथवा स्वयं पत्रकार महोदय की। भाई कोई अपनी प्रतिष्ठा की परवाह करे या न करे, पत्रकार साहब को तो करनी ही थी। बस उन्होंने थैली से मोबाइल फोन कुछ इस अंदाज में निकाला, जैसे महाभारत काल में महारथी म्यान से अपनी तलवार निकाल लेते थे। कई बार प्रयास किया तो एक बार सौ नंबर पर लग ही गई काल। हैलो-नोएडा पुलिस।
सर—हमारी कार का ईसीएम चोरी हो गया है।
पुलिस-ईसीएम क्या होता है।
—अरे साहब पिछले दस वर्षों से ईसीएम चोरी हो रहा है। आज कल तो ऑडियो सिस्टम का दाम कम हो जाने से ईसीएम ही चोरी हो रहा है। जब आप ईसीएम को जानते-पहचानते नहीं, तो उसे बरामद कैसे कर पाएंगे।
इसी बीच पीछे से दूसरा पुलिसवाला फुसफुसाया—-ईसीएम से कार का इंजन नियंत्रित होता है। महंगी मशीन होती है। पंद्रह से बीस हजार में नई आती है।
जारी रहेगी दास्तां—करें अगली किस्त का इंतजार——–

Tags:   

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh